भूख चिड़कली जीत-हार जीवन रो उनाळो खांचा खुद रै मायंता री कोयलड़ी मिन्दर नूंई चपलां पैल पालो काटता फसलां प्रीत रा गीत सांच बोले तो सांच'र झूठ संसद सूं बारै