प्रमोद कुमार शर्मा
राजस्थानी कविता अर कहाणी लेखन रो लूंठो नांव। सबदां रै साथै आवाज रा धणी। रेडियो रै मारफत आपरी ठावी पिछाण बणाई है।
राजस्थानी कविता अर कहाणी लेखन रो लूंठो नांव। सबदां रै साथै आवाज रा धणी। रेडियो रै मारफत आपरी ठावी पिछाण बणाई है।
उपनाम: प्रमोद कुमार शर्मा
जन्म: 01 May 1965
प्रमोद कुमार शर्मा रौ जलम 1 मई 1965 नै सिरसा जिलै रै गाम मानावाली मांय हुयौ। वां एम. कॉम री भणाई करी, पछै नाटक रै मांय अेक वर्षीय पाठ्यक्रम पण करयो। प्रमोद कुमार शर्मा ओम पुरोहित 'कागद' अर दीनदयाल शर्मा रै साथ मिल'र राजस्थान साहित्य परिषद रो गठन करयो अर उण रै माध्यम सूं जन-जागरण रा 100 सूं बेसी नुक्कड़ नाटक पण करया। ओम पुरोहित 'कागद' री अगुवाई मांय आप वां रै साथ मिल‘र राजस्थान साहित्य परिषद रा दो क्षेत्रीय सम्मेलन हनुमानगढ़ री धरा माथै करिया, जिण सूं राजस्थानी भाषा अर साहित्य नै घणी ऊंचाई मिली। आपरी पोथ्यां इण भांत है- कहाणी विधा रै रूप मांय 'सावळ-कावळ', 'राम जाणै' अर 'अरदास।' कविता विधा रै रूप मांय 'बोली तूं सूरतां', 'कारो', 'खुद री जुबान रो गीत' आद पोथियाँ प्रकाशित है। वांरी रचनावां देस परदेस री नामी गिरामी पत्र-पत्रिकावां मांय लगोलग छपती रैवै। वां रेडियो माथै ग्रामीण जगत मांय 'चेते भाई' रो किरदार लंबे टैम तांई निभायो हो। आकाशवाणी रेडियो सूरतगढ़ सूं वांरै डिजाइन करियोड़ै राजस्थानी प्रोग्राम 'गोरबंध' री धारावाहिक प्रस्तुति पण घणी चावी ठावी रैयी है। इण रै अलायदा न्यारा न्यारा सम्मेलना मांय कहाणी पाठ अर कवि सम्मेलना मांय शिरकत कर वां साहित्य नै घणी उंचाई दीनी है। राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी रै 'मुरलीधर व्यास राजस्थानी कथा पुरस्कार' साथै वांनै कैई पुरस्कार मिल्योड़ा है।