पीरदान लालस
18 वीं सदी रा चावा भगत कवि, सगुण अर निरगुण दोनूं धारवां में समान रूप सूं काव्य सिरजण। ईसरदास जी बारहठ ने प्रेरणास्रोत मानता।
18 वीं सदी रा चावा भगत कवि, सगुण अर निरगुण दोनूं धारवां में समान रूप सूं काव्य सिरजण। ईसरदास जी बारहठ ने प्रेरणास्रोत मानता।