
नाथा सांदू
उत्तरमध्यकाल रा डिंगळ कवि।
उत्तरमध्यकाल रा डिंगळ कवि।
उत्तरमध्यकाल रा राजस्थानी कवियां मांय नाथा सांदू रौ नांव घणै आदर साथै लियौ जावै। वां रै निजू जीवन अर जलम आद बाबत पुख्ता जाणकारी नीं मिळै पण वां आपरी रचना ’गुण दूहा केसरीसिंह भगवानदासौत रा’ मांय आपरौ वंस ’अखैराजोत’ लिख्यौ है। कवि री आ रचना घणी महताऊ अर अैतियासिक है जिणमें वां रायपुर अधिपति केसरीसिंह अर मुगल सम्राट शाहजहां रै विद्रोही बेटां रै बिचाळै हुयै जुद्ध रौ वरणन कर्यौ है। इण रचना रै टाळ कवि नाथा सांदू कैई डिंगळ गीतां रौ सिरजण ई कर्यो। मध्यकालीन डिंगळ काव्य में वां री रचनावां घणी महताऊ ठौड़ राखै।