मीठेश निर्मोही
चावा कवि। 'मुगती' कविता संग्रै माथै केन्द्रीय साहित्य अकादमी सम्मान।
चावा कवि। 'मुगती' कविता संग्रै माथै केन्द्रीय साहित्य अकादमी सम्मान।
जन्म: 30 Sep 1951 | राजोला खुर्द,भारत
कवि-कहाणीकार अर उल्थाकार मीठेस निरमोही रौ जलम 30 सितंबर 1951 नै पाली जिलै रै राजोला खुर्द में हुयौ। वां भणाई अेम.अे राजस्थानी अर दरसनशास्त्र री करी। लगैटगै चार दसकां सूं राजस्थानी अर हिंदी मांय समानांतर रूप सूं साहित्य सिरजण कर'र वां साहित्य नै घणी ऊंचाई दीनी है। आपरी रचनावां देस अर परदेस री नामी गिरामी पत्र-पत्रिकावां मांय लगोलग छपती रैवे। आपरी राजस्थानी री केई रचनावां परदेस रै स्कूल-कॉलेजां रै पाठ्यक्रम मांय भणाइजै। 'आपरै ओळै-दोळै', 'अमावस', 'अेकम अर चांद', 'आधुनिक राजस्थानी कवितावां', 'आज री राजस्थानी कहानियां, मुगती आद वांरी टाळवी पोथियां प्रकाशित है। हिंदी रा ख्यात कवि रघुवीर सहाय रै कविता संग्रै 'लोग भूल गये हैं' अर अल्बेर कामू रै नाटक 'कालिगुला' रै राजस्थानी उल्थै रै साथै असमिया रै 35 समकालीन कावियां री कवितावां रौ मायड़ भासा में उल्थौ करियौ है। 'अमावस, अेकम अर चांद' पोथी माथै राजस्थानी भासा, साहित्य अर संस्कृति अकादमी, बीकानेर' कानी सूं मुरलीधर व्यास कथा साहित्य पुरस्कार। 'चिड़िया भर शब्द' माथै राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर' कानी सूं सुधीन्द्र कविता पुरस्कार। कविता अर कहाणी साहित्य-विधावा मांय श्रेष्ठ सिरजण सारू सृजन गाथा डॉट कॉम रै पंदरवैं 'अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन, मास्को(रूस) कांनी सू श्री सलेकचंद जैन स्मृति अन्तरराष्ट्रीय साहित्य सम्मान सूं वै सम्मानित है। वांरै कविता संग्रै 'मुगती' पर बरस 2021 रौ केंद्रीय साहित्य अकादमी सम्मान वांनै मिल्यौ।