
मेहा दूलासणी
कवि मेहा दूलासणी मध्यकाल रा कवि, इणा री 'चांदाजी री वेलि’ राजस्थानी री चावी वेलियां में गिणी जावै।
कवि मेहा दूलासणी मध्यकाल रा कवि, इणा री 'चांदाजी री वेलि’ राजस्थानी री चावी वेलियां में गिणी जावै।
मध्यकाल रा महताऊ कवि मेहा दूलासणी मौकळी रचनावां रौ सिरजण कर्यो। वां री रच्योड़ी’चांदाजी री वेलि’ राजस्थानी री चावी वेलियां में गिणी जावै। इणमें जोधपुर सासक राव मालदेव रै पुत्र अर मेड़ता रै प्रसिद्ध वीर चांदा रौ जस-वरणाव कर्योड़ौ है। आ वेलि इकताळीस छंदां में रचित है अरकाव्य-कला री दीठ सूं घणी सांतरी है।