महीराज
महीराज सोळहवैं सईकै रा जैन कवि
महीराज सोळहवैं सईकै रा जैन कवि
महीराज सोळहवैं सईकै रा जैन कवि हा। वां रै जलम अर ठौड़ बाबत घणी जाणकारी नीं मिळै पण वां रौ रच्योड़ो ’नळ-दवदंती रास’ घणौ चावो है। इण रास में नल-दमयंती री कथा नै आधार बणायो गयो है। महीराज रै इण रास में छंदां री संख्या बारह सौ सूं बेसी है। इण रास री भासा-सैली घणी सरल अर सरस है।