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किशन लाल वर्मा

किशन लाल वर्मा

  • kota

इण सदी रा चावा कवि-लेखक।

किशन लाल वर्मा रौ परिचय

किशन लाल वर्मा रो जलम 28 मई 1953 नै जिलै झालावाड़ री तैसील अकलेरा रै गांव कामखेड़ा में पिताश्री चेनाराम अर माता श्रीमती मूली बाई रै आंगणै हुयो। कवि-गीतकार किशन लाल वर्मा री भणाई विज्ञान में स्नातक ताईं हुई, पछै जनरल नर्सिगं में डिप्लोमा पण करयो है। अबार आप महाराव भीमसिंह चिकित्सालय कोटा सूं नर्सिगं अधीक्षक पद सूं सेवानिवृत हुवै है।

राजस्थानी रा चावा ठावा कवि किशन लाल वर्मा री साहित्य जातरा बालपणै सूं ई सरू हुई जकी रै मायनै घणी अबखाया आई पण जीवण रै मांय संघर्ष करर आगै बधता ई गया। आप राजस्थानी अर हिन्दी में सिरजण करर साहित्य नै घणी ऊंचाई दीनी है। छप्योड़ी पोथ्यां राजस्थानी में महाकाव्य रै रूप में नारद जी की कळजुग जातरा, कीका को "परताप", क्रांतिवीर केहर केसरी, मीरा माई, सूंड सूंडाळो अर खण्डकाव्य रै रूप में जै जै राजस्थानी जै जै राजस्थान, नेमीचन्द। गीत कविता संग्रै रै रूप में नई पिछाण बणाणी होगी, आंगणा की तुळसी, दस बाई दस को कमरो, है। अनुवाद रै रूप मेनका प्रबन्ध काव्य रो हिन्दी सूं राजस्थानी रै में उल्थो पण करयो है।

पुरस्कार अर सम्मान श्री भारतेन्दु समिति कोटा कानी सूं साहित्य श्री सम्मान। आर्यावृत साहित्य सम्मान। सृजन साहित्य सम्मान, जूपिटर इको कानी सूं राष्ट्रगौरव सम्मान। सारंग साहित्य समिति कानी सूं सम्मान। ज्ञान भारती संस्था कानी सूं श्री गौरीशंकर कमलेश सम्मान। श्री लक्ष्मी नारायण मालव स्मृति टांकरवाड़ा कानी सूं सम्मान। क्रांतिवीर केहर केसरी सिंह बारहठ साहित्य सम्मान। हिन्दी श्री अलंकरण, विश्व वाणी हिन्दी संस्थान अभियान जबलपुर(म.प्र.)। मोहनदान गाडण स्मृति राजस्थानी भक्ति काव्य सम्मान। श्री गिरधारी लाल मालव स्मृति मायड़ भाषा सम्मान आद इनाम इकराम आपनै मिल्या है। आप राजस्थानी भासा में काव्य पाठ करर कवि सम्मेलनां री सोभा ई घणी बढ़ाई है। आपरी रचनावां रो आकाशवाणी अर दूरदर्शन सूं ई लगोलग प्रसारण हुवतों रैवै। आपरै गीतां रो संकलन भी घणो जगचावो रैयो है, जिण में नखराली बंजारण अर थारी चाल मटकै आद नै कैसेट में रिकॉर्ड भी करया है।