Anjas

केसरीसिंह बारहठ

  • 1872-1941

राजस्थान रा सिरै क्रन्तिकारी कवि। महाराणा फतेहसिंह नै दिल्ली दरबार में जावण सूं रोकण खातर 13 सोरठा रचिया जिका 'चेतावणी रा चुंघटिया' नांव सूं चावा। आजादी रा हवन में समुचौ परिवार होम दियौ।

केसरीसिंह बारहठ रौ परिचय

जन्म: 21 Nov 1872 | शाहपुरा,भारत

निधन: 14 Aug 1941

समय पलटता जेज नह, जठै प्रजा झुंझलाय।
धर धूजण की बस चलै, पहल में महल ढहाय॥

कलम अर करवाल दोन्यूं रा धणी केसरीसिंह बारहठ ब्रिटिश सत्ता रै खिलाफ आपरी रचनावां अर गतिविधियां सूं धाकड़ आंदोलण खड्यो कर्यो। बारहठ रो जलम सम्वत 1929 मार्गशीर्ष कृष्णा षष्ठी तदनुसार 21 नवम्बर 1872 ई में ठाकुर कृष्णसिंह रै आंगणे शाहपुरा रियासत रै देवपुरा गांव में हुयो। ठाकुर कृष्णसिंह रै तीन पुत्र हुया - केसरीसिंह, किशोरसिंह अर जोरावरसिंह। आखे परिवार अर कडूंबै नै आजादी री बलिवेदी पर झोंकणवाळो बारहठ परिवार केसरीसिंह, जोरावर सिंह, प्रतापसिंह अर जमाता ईशरदान आशिया री कांतिकारी बगावत रै कारण जाणीजै। भारतीय सुतंतरता संग्राम में केसरीसिंह बारहठ रो लूंठो योगदान रैयो। आपरो भौतिक प्रयाण 14 अगस्त 1941 ई में हुयौ। आपरी माताजी श्रीमती बख्तावर कंवर रो निधन सरीसिंह रै बाल्यकाल में ई हुयग्यौ। देवयोग सूं केसरीसिंह लालण पालण दादी माता सिणगारकंवर रै आंचल री छाया में हुयौ। आपरी सरूआती शिक्षा महन्त सीताराम अर बाद री भणाई उदैपुर मांय संस्कृत विद्वान पंडित गोपीनाथ शास्त्री री देखरेख में हुई। केसरीसिंह बारहठ बाळपणै में ई संस्कृत ग्रंथ 'अमरकोश' कण्ठस्थ कर लियौ हो। संस्कृत, हिन्दी रै साथै-साथै केसरीसिंह बारहठ नै बंगला, मराठी अर गुजराती भासावां रो ई डूंगो ग्यान हो। आपरी
ज्योतिस, गणित अर खगोलसास्त्र में ई सांगोपांग गति ही।

केसरीसिंह बारहठ री आखी जूण जातरा आजादी आंदोलण अर क्रांतिकारी गतिविधियां रै कारण जाणीजै। सन 1903 ई. उदैपुर रियासत रा राजा फतेहसिंह नै लॉर्ड कर्जन कानी सूं तेड़ीजी बैठक में भाग लेवण सूं रोकण खातर केसरीसिंह बारहठ 'चेतावनी रा चूंगठ्या' नांव सू 13 सौरठा रच्या जिणसूं आज ई गुलामी रो पेंखड़ो तोड़ण रा भाव जागै। बाद रे बरसा में ठाकुर केसरीसिंह बारहठ मुलक रै क्रांतिकारियां नै अंग्रेजी हुकूमत रै खिलाफ समर्थन दैयर हथियार ई उपलब्ध कराया। आपरो सखरो संपर्क देस रा धाकड़ क्रांतिकारियां रासबिहारी बोस, मास्टर अमीरचंद, श्यामजी कृष्ण वर्मा, लाला हरदयाल सूं रैयो। अर्जुन लाल सैठी अर गोपालसिंह खरवा रा तो केसरीसिंह बारहठ डाया हाथ रैया।

शाहपुरा रै राजा नाहरसिंह री मदद सूं 2 मार्च 1914 ई. नै आपनै गिरफ्तार कर र प्यारेलाल नांव रै साधु री हत्या अर दिल्ली - लाहौर षडयंत्र में राजद्रोह रो आरोप लगाइज्यौ। केसरीसिंह बारहठ नै 20 बरस रै आजीवण कारवास री सजा बोलीजी अर हजारीबाग जेल में नाख दियौ पण बारहठ किस्या डरणवाळा हा? स्वाधीनता री लड़ाई कारण केसरीसिंह बारहठ आपरो पूरो परिवार झौंक दियो अर आपरी संपति ई नीलाम करीजी।

बरस 1920–21 ई में सेठ जमनालाल बजाज रै बुलावै पर आप वर्धा गया अर विजयसिंह पथिक रै सागै रळ'र 'राजस्थान केसरी' (साप्ताहिक) अखवार काढ्यौ। आपरा पुत्र प्रतापसिंह बारहठ ई आजादी आंदोलण रा आगीवाण रैया। केसरीसिंह बारहठ 'राजपूत हितकारिणी सभा' सूं ई जुड़ियोड़ा रैया। 'कुसुमाजंलि' सिरैनांव आपरी पद्यबद्ध पोथी है जिण मांय लार्ड कर्जन री प्रसंसा रै बहाणै अंग्रेजी राज री निंदा करीजी है। आप सामाजिक कुरीतियां रै उन्मूलन अर समाज सुधार खातर सांवठो काम कर्यो।

‘चेतावनी रा चूंगठिया' नावं सूं लिखियोड़ा आपरा 13 सोरठा राजपूत शासकां अर अंग्रेजां रै खिलाफ बगावत रै इतिहास रो ऊजळौ पानो है जिणसूं प्रतिकार, विद्रोह अर कांति री प्रेरणा आज री पीढ़ी नै ई मिळे। आप द्वारा लिख्योड़ा चूंगठिया री बानगी देखणजोग है-
पग पग भम्या पहाड़, धरा छांड़ राख्यो धरम।
महाराणा'र मेवाड़, हिरदै बसिया हिन्द रै॥