गरीबदास 1575-1636 Dhundhar प्रमुख दादूपंथी संत कवि। रचनावां में भगती, नीति, गुरु महिमा, संत जीवण चरित अर दर्शन आद रा पद।
बंदे अधर बेड़ा चलत वे बंदे देख ले निज मूल वे बंदे जान साहब सार वे बँगला खूब बना है ज़ोर भजन कर राम दुहाई रे घट ही में चंद चकोरा कबहुँ न होवै मैला नाम लेखा देना रे धनी का मन मगन भया जब क्या गावै नाम निरंजन नीका साधो