गंगाराम बोगसा 1800-1900 Marwar उत्तर मध्यकाल रा प्रमुख डिंगल कवि। फूटकर रचनावां मिळै। घणकारी रचनावां शक्ति काव्य अर नीति सूं सम्बंधित।
अवरां तणै उकील बाई खूबड़ बेल जळनध तजै म्रजाद जे नृप धू डग जाय मह वरसै नह मेह मूकै करुपत मांण सत तज जावै सीत तवां पंथ उतराद तोय मटै नह तरस