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देवकी दर्पण ‘रसराज’

देवकी दर्पण ‘रसराज’

  • जलम: 1976
  • kota

राजस्थानी गद्य अर पद्य में सांगोपांग काम। गीत, नव गीत में लेखणी सवाई।

देवकी दर्पण ‘रसराज’ रौ परिचय

उपनाम: देवकी दर्पण

जन्म: 07 Jul 1976 | बूँदी,भारत

 

देवकी दर्पण रो जलम 7 जुलाई 1976 नै जिलै बूंदी री तैसील केशोरायपाटन रै गांव रोटेदा मांय पिता श्री गजानंद शर्मा अर माता श्रीमती रामनाथी बाई रै आंगणै हुयो। राजस्थानी भाषा रा सिरै आगीवाण अर बाल साहित्यकार देवकी दर्पण राजस्थानी अर हिन्दी रै मांय लगोलग साहित्य सिरजण करर साहित्य नै घणी ऊंचाई दीनी है। आपरो साहित्य सिरजण गद्य री विधा मांय संस्मरण, रेखाचित्र, कहाणी, लघु कथा, आलेख, जातरा विरतांत, ललित निबंध अर पद्य री विधा मांय कविता, गीत, नवगीत हाइकु, दोहा, छंद, ग़ज़ल आद रै मांय लिखर साहित्य नै घणो लूंठो करयो है। छप्योड़ी पोथ्यां- अमरत को धोरो (राजस्थानी काव्य संग्रै) क्है चकवां सुण चकवी (राजस्थानी लोक कथा) खोल पखेरू पांख (राजस्थानी बाल ग़ज़ल) जाण जातरी जाण, कांकरी घून्दता पग (राजस्थानी जातरा विरतांत) अध्यात्म दर्शन (भजन संग्रै) जामण जाई (राजस्थानी मुक्तक), धजा का धणी (राजस्थानी बाल काव्य संग्रै) आद खास है।

कवि पवन पहाड़िया 'डेह' लिखै है- हरख री बात है कै आज राजस्थानी में बाल साहित रो सिरजण मोकळो ई हुय रियो है। इण कड़ी में कवि श्री देवकी दर्पण जी जको नवो चानणो बालगीतां री जागां बाल गजलां री पैल करतां काव्यपोथी "खोल पंखेरू पाँख" रच'र करयो है, बो साहित्य रै इतिहास में सोनलिया आखरां लिखीजसी। ओ अपणै आपमें न्यारो निरवाळो कारज है। आं गजलां मांय देवकी दर्पण जी सगळा पंखेरुवां रा जीवण चितराम खांचता थका टाबरां नैं मीठी मीठी गजलां पुरसण मांय जकी पैल करी है, बा सगळै साहित जगत मांय घणी सराइजसी अर बाल साहित रै खेतर मांय ई एक नवो मुकाम थापित करसी, ओ म्हारो भरोसो है, जिणमें कीं मीण-मेख नीं है। देवकी दर्पण जी नैं इण नवै प्रयोग सारू घणा घणा रंग। 

दूरदर्शन केन्द्र जयपुर, ई टी भारत, फस्ट इण्डिया टीवी, एस टी एन टीवी, खबर बून्दी टीवी चैनलां सहित आकाशवाणी कोटा अर जयुपर केन्द्र सूं आपरी रचनावां अर आलेखां रो प्रसारण भी हुवै है। आपरी रचनावां देस अर परदेस री नामी गिरामी पत्र-पत्रिकावां रै हिन्दी अर राजस्थानी रै मांय लगोलग छपती रैवे। सम्मान अर पुरस्कार- मानद उपाधि अन्तर्राष्ट्रीय पराविद्या संस्थान उ. प्र.,डॉ. अम्बेडकर फेलोशिप नई दिल्ली। अखिल भारतीय साहित्य संगम उदयपुर कानी सूं काव्य कदंब सम्मान। राष्ट्रीय युवा रचनाकार सम्मान रा.शि.र. प्र. मंच बूढादीत कोटा, दुष्यन्त साहित्य सम्मान खण्डवा म.प्र.। श्री राधेश्याम दाधीच स्मृति सम्मान। श्री धन्नालाल मेघवाल स्मृति सम्मान अर शिक्षा एवं कला परिषद द्वारा भारत श्री, कानी सूं आर्यावर्त रत्न आर्यावर्त समिति कोटा सूं अलेखूं इनाम इकराम मिल्या है। मायड़भासा सिरजण मंच बून्दी अर भासा संघर्स समिति री आगीवाणी करर आप भाषा मान्यता रै खेतर मांय जसजोग कारज करो।