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दीनदयाल शर्मा

दीनदयाल शर्मा

  • जलम: 1956
  • bikaner

टाबर बण टाबरां सारू न्यारी-निरवाळी दुनिया रचै। पांच दरजन सूं बेसी पोथ्यां। साहित्य अकादेमी रौ बाल साहित्य पुरस्कार। 'टाबर टोळी' पत्रिका रौ संपादन।

दीनदयाल शर्मा रौ परिचय

जन्म: 15 Jul 1956 | नोहर,भारत

दीनदयाल शर्मा रौ जलम 15 जुलाई 1956 नै हनुमानगढ़ जिले रै जसाना गाम मांय हुयौ। राजस्थानी बाल साहित्य में वांरौ नाम सिरै राखीजे। 'चन्दर री चतराई, ‘टाबर टोळी, ‘हँसी-मजाक री काणी, ‘डारावणी काणी,‘मोर री जिद’,  ‘घर बिगाड़ै गुस्सौ, ‘हरखू री चतराई, ‘डुक पच्चीसी, ‘डाँखळा रतन, ‘टाबरां री आड्यां’ आद लिखर राजस्थानी बाल साहित्य नै वां घणी ऊंचाई दीनी। आपरी कैई पोथ्यां रौ मराठी,अंग्रेजी अर पंजाबी रै मांय उल्थौ पण हुयो है। केन्द्रीय साहित्य अकादमी, नई दिल्ली सूं राजस्थानी बाल संस्मरण संग्रै ‘बाळपणै री बातां’ माथै राजस्थानी रौ बाल साहित्य पुरस्कार। राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर सूं हिन्दी बाल कथा संग्रै चिंटू-पिंटू की सूझ’ माथै ‘डॉ. शम्भूदयाल सक्सेना बाल साहित्य पुरस्कार।‘ राजस्थानी भाषासाहित्य एवं संस्कृति अकादमीबीकानेर सूं राजस्थानी बाल नाटक शंखेसर रा सींग’ माथै ‘पं. जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य पुरस्कार। वै आपरै हाथां सूं टाबर टोळ’ बाल अखबार रौ लगोलग सम्पादन पण करो।