Anjas

बोहड़ बीठू

  • Marwar

बीकानेर रै साठीका गाँव में जलम। मध्यकाल रा डिंगल कवि।

बोहड़ बीठू रौ परिचय

पंदरहवीं सदी रै ख्यातनाम कवियां में वीठू बोहड़ रो नाम आगीवाण है।तत्कालीन जांगल़ू रियासत रै साठीका गांव में वीठू बोहड़ रो जलम हुयो।वरदाई कवि रै रूप में प्रतिष्ठित बोहड़ वीठू एक श्रेण्य गीतकार रै रूप में समादृत है। जैसलमेर रावल़ दूदा री एक समस्या पूर्ति करण सारू बोहड़ नै घणी ख्याति मिली। रावल़ दूदा री समस्या पद हो-'म्हैं जाणतै मेलियो.. बोहड़ वीठू उणनै पूरी करतां लिख्यो- म्हैं जाणतै मेलियो,पनंग तणै सिर पाव। अणखूटी खूटै नहीं,खूटी बधै न आव।। जैसल़मेर रावल़ दूदा री वीरता ,निडरता अर आपाण रै वर्णन रा गीत नैणसी री ख्यात में संकलित है।जिणांनै पढियां कवि रै काव्य कौशल़ रो आपांनै सहज ई ठाह लागै