Anjas

भट्टारक महीचन्द्र

मध्यकाल रा जैन संत कवि अर भट्टारक वादिचन्द्र रा सिस्य।

भट्टारक महीचन्द्र रौ परिचय

भट्टारक महीचन्द्र मध्यकाल रा चावा जैन संत हा अर वै भट्टारक वादिचन्द्र रा सिस्य हा। वां आपरै आखै जीवण धरम रौ प्रचार-प्रसार कर्‌यौ अर इणसूं जुड़योड़ै साहित्य रौ सिरजण कर्‌यौ। महीचन्द्र री लिख्योड़ी रचनावां में नेमिनाथ संभवसरण विधि, आदिनाथ विनती, आदित्यव्रत कथा अर लवकुश छप्पय आद उल्लेखजोग है। आं रचनावां में आकार री दीठ सूं लवकुश छप्पयसैं सूं मोटी रचना है जिणमें कवि राम री लकां विजय अर अयोध्या आवणै रौ वर्णन कर्यौ है। भट्टारक महीचन्द्र री काव्यभासा राजस्थानी है जिण माथै गुजराती अर मराठी रौ कीं असर साव निगै आवै पण वां री भासा घणी सरल अर मीठास सूं भर्‌योड़ी है। महीचन्द्र रौ साहित्यिक योगदान हरमेस आदर साथै याद कर्‌यौ जावैला।