बखता खिड़िया
उत्तरमध्यकाल रा कवि।
उत्तरमध्यकाल रा कवि।
उत्तरमध्यकाल रा महताऊ चारण कवियां में बखता खिडि़या रौ नांव घणै आदर साथै लियौ जावै। वै मारवाड़ रियासत रै मेड़ता परगनै में कंवळिया गांव मांय जलम्या। बखता खिड़िया मारवाड़ महाराजा अभैसिंह रा आश्रित कवि हा अर वां अभैसिंह अर अहमदाबाद रा सूबेदार सर बुलंद खां रै बिच्चै हुयै जुद्ध रा वरणाव ’महाराजा अभैसिंह रा अहमदाबाद झगड़ा रा कवित्त’ रचना मांय कर्यो है। जोधपुर महाराजा अभैसिंह बखता खिड़िया री काव्य-कला सूं घणा प्रभावित हा अर वां मेड़ता परगनै रौ अेक गांव वांनै जागीर में ई दियौ। वां री लिख्योड़ी काव्य-कृति ’’महाराजा अभैसिंह रा अहमदाबाद झगड़ा रा कवित्त’ वीररस री सांतरी रचना है।