आईदान गाडण
मध्यकालीन राजस्थानी भगती काव्यधारा रा अज्ञात संत-कवि।
मध्यकालीन राजस्थानी भगती काव्यधारा रा अज्ञात संत-कवि।
मध्यकालीन राजस्थानी भगती काव्यधारा मांय मौकळा संतां अर भगतां आपरी रचनावां सूं योगदान कर् यो है। अैड़ा ई भगतीपरक कवियां में आईदान गाडण सामल करीजै। वै बीकानरे नरेसां रा आश्रित कवि हा अर वांरौ रच्योड़ौ अेक ग्रंथ ’श्री भवानी संकरजी रौ गुण सिव पुराण’ अजेस साम्हीं आयौ है। कवि इण रचना रौ आधार सिवपुराण नै मान्यौ है। इण रचना री भासा घणी सरस अर प्रभावी है। आईदान गाडण घणा चरचित नीं हुया पण वां री इण रचना रौ अध्ययन कर् या पछै वां नै घणां प्रतिभासाली कवि मान्या जा सकै।