यूं मन मिरतग व्है रहै तौ मारै नाहीं।
माया मैं न्यारा रहै, जिव जगपति माहीं॥
ज्यूं मुरदा अरथी पड़्या, बरतणि बहु बाणी।
औरौं की भांवरि भई, उन कछु न जाणी॥
निहकामी न्यारा रहै, प्रतिमा परि खेलै।
बरतणि बरतै बिगति सों, उर आप न मेलै॥
बाजीगर की पूतली, बाजीगर हाथैं।
रज्जब राखै त्यूं रहै, नहीं औगुण साथैं॥