काम सीलता क्रोध दह,मनिसा लहै मध।

तन सरवर मंन मछ्ली,अइया नीर अथाह॥

सुरिजन एक सरीर मां ,तन मन का गुण जोय।

तन मुंडया तै भैख है, मन मुंडया गति होय॥

स्रोत
  • पोथी : राजस्थानी रामायण ,
  • सिरजक : महात्मा सुरजनदास पूनिया ,
  • संपादक : कृष्णलाल विश्नोई ,
  • प्रकाशक : हिंदी विश्वभारती अनुसंधान परिषद्, बीकानेर (राजस्थान) सन् 1992
जुड़्योड़ा विसै