भजु मन नन्दनन्दन गिरिधारी।

सुख-सागर करुणा को आगर भक्तवछल बनवारी।

मीरा करमा कुंवरी सबरी तारी गौतमनारी।

वेद पुरानन में जस गायो ध्याये होवत प्यारी।

जामसुता को स्याम चतुरभुज लेजा खबरि हमारी।

स्रोत
  • पोथी : स्त्री कवि संग्रह ,
  • सिरजक : ज्योति प्रसाद मिश्र 'निर्मल ,
  • प्रकाशक : साहित्य भवन लिमिटेड, प्रयाग ,
  • संस्करण : पंचम
जुड़्योड़ा विसै