बेह लिखिया जो लेख, अण होणी होगी नहीं।
तूं दुरस दीलै मां देखी, होणी हुव सो होय रहणौ॥
हरि रा लिख्यौडा़ लेख किसी भी सूरत में टळ कौयनी। अणहोणी तो होवै कोयनी और होवण वाली टळ कौयनी। थारै विलाप करणै सूं होणी नै कोई भी नहीं टाळ सकै है। आपारै कुळ री लाज श्रीकृष्ण पर है , तूं विलाप मत कर, हणहोणी नहीं होयसी।