विवरण औखाणां /कैवतां - कैवतां लोक मांय सभ्यता अर संस्क्रती रो पालणो हुवै। देस अर परदेस मांय धर कूंचा धर मजलां लगोलग चाली आवण आळी सामाजिक रीति-रिवाज अर सदाचार रै नियमां नै परकट करण री सांचरी खेचळ कर’र जूनी संस्क्रती नै आभै मांय नूवो उजास देंवती रेवै। कहावतां समाज री दीठ सूं सीख देवै जकी मिनख नै सदाचारी बणावण सारू घणी जसजोग रैवती निजर आवै है।
राजस्थानी औखाणां(कहावतें), भाग 2, अंजस राजस्थानी औखाणां(कहावतें), भाग 3, अंजस राजस्थानी औखाणां(कहावतें), भाग 4, अंजस राजस्थानी औखाणां(कहावतें), भाग 5, अंजस