न्याय जगावै, एक बतावै, भलौ बुरौ करताइंदा।
अणभी नाटै, सुमरण साटै बुरे करम भलौ साइंदा।
मेमच जाणै करम बखाणै, कट्या ब्रह्म होइ जाइंदा।
अणभी करता सुमिरण धरता, मन के अघ मिटाइंदा॥