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राजस्थान में निर्गुण भगती धारा रा प्रमुख संत कवि। नरैना, जयपुर में गादी थापित कर'र आपरै नांव माथे दादू पंथ चलायो। नांव सुमिरण, समर्पण अर सर्व धर्म समभाव सूं सम्बंधित पदां खातर चावा।