जयपुर रा कवि/ रचनाकार
कुल: 56
कुल: 56
किशनगढ़ महाराजा राजसिंह री राणी। मूल नांव बृजकुँवारी। कृष्ण भक्ति में आस्था रै पांण 'भागवत' रो राजस्थानी में छन्दोबद्ध अनुवाद करियो। अन्य रचनावां भी मिळै।
दादूदयाल रा प्रमुख बावन शिष्यां में सूं एक। कवि अर गायक संत रै रूप में चावा। पदां में सांप्रदायिक सदभाव रो प्रचार अर आत्म ज्योति जगावण माथै बल दियौ।
चावा साहित्यकार। भाषा अर दूजै विसयां सूं जुड़ियोड़ी लगैटगै दो दरजण पोथियां प्रकाशित।