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संत कवि अर समाज सुधारक। अवतारी पुरुष रै रूप में पुजीजै। 'निष्कलंकी संप्रदाय' रा संस्थापक। रचनावां अर शिक्षावां रो संग्रै 'चौपड़ो' कहिजै।