सरवड़ी रा रचनाकार
कुल: 2
कुल: 2
उत्तर मध्यकाल रा प्रमुख डिंगल कवि। फूटकर रचनावां मिळै। घणकारी रचनावां शक्ति काव्य अर नीति सूं सम्बंधित।
'ईस-आराधना' नांव री चावी भक्ति रचना रा सिरजण करियो पण नांव साम्यता रै कारण रचना ईसरदासजी बारहठ रै नांव मंडीजगी अर असली कवि प्रसिद्धि कोनी पा सकियो।