अलवर रा रचनाकार
कुल: 7
कुल: 7
नूवी पीढ़ी रा कवि-लेखक अर उल्थाकार। हिंदी कविता-गद्य में लगोलग सिरजण। भारतभूषण अग्रवाल सम्मान सूं सम्मानित।
कृष्ण भगत कवयित्री, डिंगल रा चावा कवि रामनाथ कविया री पुत्री। 'मत्स्य री मीरा' रे रूप में ओळखाण। रचनावां में खासकर माधुरी भाव, दास्य भाव अर सरणागति रे भावां रो वरणाव।
राजस्थानी संत साहित्य रा उजळा रत्न, मेवात क्षेत्र रा ख्यात संत कवि अर 'चरणदासी संप्रदाय' रा प्रवर्तक। सगुण अर निर्गुण दोनूं तरै रे ब्रह्म रा उपासक। साहित्य में भी निर्गुण उपासना सागै सगुण साधना री झलक निंगै आवै।
चंद बरदाई री वंश परम्परा में जलम। राठ अंचल रा चौहान वंश सूं सम्बंधित ऐतिहासिक काव्य ग्रन्थ 'भीम-विलास' रा रचैता।
अलवर महाराजा बख्तावर सिंह रा आश्रित कवि। डिंगल व पिंगल दोन्यू धारावां में समान रूप सूं काव्य सिरजण। 'वाणी भूषण', 'राजनीती चाणक्य', 'अवध पच्चीसी', 'मिथिला पच्चीसी', 'जनक शतक' आद रचनावां अर 'बिहारी सतसई' व 'कविप्रिया' रा टीकाकार रै रूप में चावा।