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राजस्थानी संत साहित्य रा उजळा रत्न, मेवात क्षेत्र रा ख्यात संत कवि अर 'चरणदासी संप्रदाय' रा प्रवर्तक। सगुण अर निर्गुण दोनूं तरै रे ब्रह्म रा उपासक। साहित्य में भी निर्गुण उपासना सागै सगुण साधना री झलक निंगै आवै।