रिण सोहा रिण सूरमा वीकौ सोम वखाणि।

नायक पायक भड़ निवड़ अरि भंजण आरणि॥

रांण आराणि और भाँजिताँ रूक-हथ।

सूर सारहिया सोम वीकौ समथ॥

खड पड़तीस सो विहूँ ऊड़ै रा।

राय गुर बखाणै बंधव रायसिंघ रा॥

स्रोत
  • पोथी : हालाँ झालाँ रा कुंडलिया ,
  • सिरजक : ईसरदास ,
  • संपादक : मोतीलाल मेनारिया ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी ग्रन्थागार, जोधपुर ,
  • संस्करण : द्वितीय