किसन तणौ साम्हौ क्रमै चढ़तौ बाँकिम वींद।
नींदवतै नवतै नराँ अणभंग रहै अनींद॥
अभंग अणनींद भुजि खाग आवाहतौ।
पिसण घड़ पाड़तौ पूजवै सपत्तौ॥
घणा बाखाणियौ सु तेण पौरिस घणौ।
तेजमलि रहै छळि इसौ किसनै तणौ॥