गढ़वी गांगौ गाविजै स्याम न मेल्है साथ।
ओढण अनिकारौँ नराँ हालाँ रा पण हाथ॥
हाथ आवाहतौ सिंधु रागाँ थियाँ।
सहै झूझा थयाँ बळि जसा रा साथियाँ॥
साथि जसवंत रै सांव बह सम चड़ौ।
गाविजै नेतड़ै रोहड़ै गांगड़ौ॥