बैनाणी ढीलौ घड़ै मो कंथ तणौ सनाह।
विकसै पोइण फूल जिम पर दळ दीठाँ नाह॥
नाह विकसै घणौ कमळ जिम भड़ निवड़।
भड़ घणा पाड़तौ सोभियौ महा भड़॥
विहसतै सहस बळ कड़ी जाय उबड़ै।
घाट घड़ कंथ रै जरद ढीलौ घड़ै॥