नींसाणी

टाबर चारै टोगड़ा, जां साथै जावै।
बाळा बांधै बच्छड़ा, तक घोड़ां लावै॥
बाळक तोहि न बीसरै, घर रीत जणावै।
बारठ आलो बाछड़ा, जोवण कज आवै॥

दूहा 

सूतो चूंडौ नींद सुख, सिर अहि कीधो छत्त।

जद आलै मन जाणियां है, कोई छत्रपत्त॥

अहि फण कीधो ऊपरा, धूप तपै भारीह।

आलै जद मन जाणियौ, ओ कोई अवतारीह॥

नींसाणी

आलो चूंडो ओळखै, मन हरख न मावै।
चढिया आलो चूंडरज, मिळवा कज जावै॥
माला सूं चूंडो मिळै, कोइ कोड करावै।
मुरधर चूंडो महपती, मालो फरमावै॥
तोर वधेसी ताहरो, चंडी वर पावै।
अस तो चंडी आपसी, मन चिंत मिटावै॥

दूहा

ऊगमसी नै आखियौ, मुखां भळावण माल।

चूंडा नै संग ले चढौ, ढाबौ थे हुय ढाल॥

वीरमदे रा वेढ री, घड़ै जगो मन घात।

नाहर भेळा रह नहीं, वसुधा जाहर वात॥

नींसाणी

नाहर भेळा रह नहीं, वसुधा जाहर वात॥
वर ले चूंडो माल सूं, ऊगम संग आवै।
मिणधर सूता नींद मैं, चामंड फरमावै॥
बाड़ौ कर वट जेवड़ा, घर घोड़ा आवै।
ऊगमसी ईंदौ तने, पोती परणावै॥
मंडोवर दी कर महर, माता फरमावै॥

सूता उठ चूंडेस घर, बाड़ा छपवाया।
उण दिन सगपण वासतै, ऊगम फरमाया॥
चांमंड रै वर सूं करे, अस ओडक आया।
अस रंग बदळे ईसरी, दूजा दरसाया॥
तद चूंडै चामंड रा, परचा सच पाया।
चंडी वर हुय चूंड कूं, समान सजाया॥

ऊगस घास मंगावणा, मुगलां फरमाया।
सज भड़ ऊगम पांचसै, संग चूंडा लाया॥
छळ कीधा बळ दाखिया, धर कारण धाया।
हरवळ इंदा राण हुय, गाडा गरणाया॥
अेम तळेटी आविया, चूंडै मन भाया॥
ऊभा सोबायत अटा, निजरां गुजराया॥

सो गाडा ऊगम सरव, गढ भीतर लाया।
चामंड चांमंड मुख चवै, जैकार जपाया॥
उसरां थाणा ऊथपे, थिर थानक थाया।
मुगलां दोय हजार कूं, घोरां घलवाया॥
राज मंडोवर चूंड कूं, चामंड बगसाया॥

दूहा

आसुर काटे अंबका, कियो कमध सिध काज।

चामंड दीधौ चूंड नै, रिधू मंडोवर राज॥

नींसाणी

ऊगम चूंडै आगळा, रजवाट बणाई।
मुरधर लीधी महपती, धर फेर दबाई॥
किलमां थांणा काटिया, पाछी धर पाई।
रांणै पोती राव नै, पेखे परणाई॥
दीध मंडोवर दायजै, मिळ सारा भाई॥

हरखत मन राजी हुए, ऊगम फरमाई।
दुगर चोरासी गांव दे, थिर राजस थाई॥
राव कहै सुण रांण नै, कर चिंत न काई।
साखी सूरज चंद है, आपां विच आई॥
राण न बदळै राठवड़, जुग च्यारां तांई॥

दूहा

इंदां जिम करजो अवर, पाधर मुगल पछाड़।
दिवी मंडोवर दायजै, चूंडौ चंवरी चाड़॥

स्रोत
  • पोथी : वीरवांण ,
  • सिरजक : बादर ढाढी ,
  • संपादक : लक्ष्मीकुमारी चूंडावत ,
  • प्रकाशक : राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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