नगधर मणियड़ नीपजै, क्रोड़ीधज केकांण।
मैहमंद लेवण मेल्हियौ, मरवछखान पठांण॥
सिणलागर सागर समौ, भरियौ नीर तळाव।
किलमां आ डेरा किया, सोदागरां सुभाव॥
तीजणियां दिन तीज रै, सज काजळ सिणगार
हींडा आवी हींडवा, अपछर रै उण्यिार॥
अरक तणौ पण आथमण, मेह अंधारी रात।
तीजणियां लेगा तुरक, घोड़ां ऊपर घात॥
बोलै बामण बाणिया, माल हूंत कहि बात।
तीज-तणै मगरै तदिन, सुत म्हां लेगा सात॥
जिण कारण मेल्है जगौ, छाना हेरू च्यार।
मांडळ री घर मेल्हिया, वाळण बैर विचार॥
कंवर हूंत हेरू कह्यौ, धुर सूं सुण धणियांह।
मांडळपुर मैहमंद घर बैठी तीजणियांह॥
मैहमंदसाह री डीकरी, गींदोली रै साथ।
महजीतां आवै मुकर, जुमैरात री जात॥