माता हित मरणो, मोटो तीरथ मानणो।
भाव इसा भरणो, भारत गांधी भानिया॥
डोकर-रै भुज-दंड, अेण तपोबळ आसरै।
पलटै वेग प्रचंड, भारत काया भानिया॥
पग-पग जेळां मांय, गांधी-री ऊमर गयी।
डोकर दयी छुड़ाय, भारत माता भानिया॥
करता वैम कदेक, क्यूं ईसो फांसी चढ्यो।
दिस गांधी री देख, भयो भरोसो भानिया॥
जादू-लकड़ी जोर, परतंतर भारत पड़यो।
तप गांधी-रै तोर, भचकै उठ्यो भानिया॥
पूगी समदां पार, सीता समी सुतंत्रता।
तपबळ गांधी तार, भारत लायो भानिया॥
पड़ती धाक प्रचंड़, हिंसावाळी हिंद-में।
गिटगो जिकां घमंड, भारत गांधी भानिया॥