दिल्ली मांय
बणै सगळी
सरकारी योजनावां!
आजादी रै पछै
भोत-सी योजनावां रौ
खाकौ बणायीजौ,
आथूणै बास
अर अगूणै बास रौ
फासलौ
कागदां मांय
मिटायीजौ,
सुण पेपला!
आपणै गांव अर
दिल्ली बिचाळै
खासा दूरी है,
सरकार री ई
आपरी मजबूरी है।