रुड़ै गीतां री कड़ियां में
रिमझिम बिरखा री झडियां में
मझरातां सूनी घड़ियां में
याद तो म्हारी आती ही व्हैला!
नैणां नैं तरसातौ व्हैला
हिवड़ै नै कळपातौ व्हैला
सावण लाय लागतौ व्हैला
जद बादळियां छाती व्हैला!
गिगन मांय तारां रा मेळा
चांद’र बादळ भेळा-भेळा
चकवै अर चकवी रा खेला
देख देख ललचाती व्हैला!
मन कळपाती बीती बातां
मेह अंधारी लांबी रातां
सुण नैं मोरां नैं कुरलातां
नींदड़ळी उड जाती व्हैला!
ख्याल भटक तो जाता व्हैला
हाथ झटक तो जाता व्हैला
नैंण अटक तो जाता व्हैला
जद अलकां सुलझाती व्हौला।
औठै लुकनैं नाडी न्हाती
भाभी सागै काम कराती
साथणियां संग पिणघट जाती
नैणां तो भटकाती व्हैला।
नींदड़ली गेहराती व्हैला
बाथां भरम जगाती व्हैला
फड़-फड़ करती छाती व्हैला
तकियै सूं चिप जाती व्हैला।
मन में धीरज दे पावै कुण
बैठी करती रै वै गुण-गुण
म्हारै आवण रा बावड़ सुण
फूलां सेज सजाती व्हैला।