सीऽऽयाटौ थावा मांड्यौ है

अणा छाना मना पड्या

हळफ ना वन वगड़ा मईं

बदलाव आब्बा मांड्यौ है

अेक अेक हळफ नी

बनावट मईं

बौलारा मईं

औणियारा मईं

नै

अरथ मईं।

नवा बणी नै

आब्बा वाळा सबद

आपड़ी ओळखेण

थरपावा सारू

नवा नवा

रूप धारण करैं

नै

भरत नाट्यम नी मुदराओ

बणावी

आपड़ा औणियारा

नै हाव भाव मईं

नित नवा बदलाव लावैं

नै अेक्बीसमी सदी सारू

सुवागत समिति नु गठन करैं

आपड़ी आचार संहिता नु बंडल

खुंटियै टांगी

नखरा करी

खनखनाती विन्दणीं वजू

सरमाई पड़ैं नै पछै

माथै चढ़ी

हेरू राखी

नवा जमाना ना

नवा संख नो

नवा अरथ मईं

नवो नाद करैं

नवौ हाद करैं।

स्रोत
  • पोथी : अंवेर ,
  • सिरजक : ज्योतिपुंज ,
  • संपादक : पारस अरोड़ा ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी
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