मिनख

बाद में बणै है

बाप, भाई, घरधणी

अर बेटो,

पैला हुवै है

सदां मिनख...

अर लुगाई

सदां हुवै

मां, बैन, जोड़ायत

अर बेटी,

पण आखी जूण

कदैई नी बण सकै

फगत अेक लुगाई।

स्रोत
  • पोथी : मंडाण ,
  • सिरजक : जितेन्द्र कुमार सोनी ,
  • संपादक : नीरज दइया ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ,
  • संस्करण : Prtham
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