मु
वाट जुई-ने
बेठो हूँ
सन्द्याकार ना
गोखड़ा में बेटो-बेटो...
कोई-क-त
वादरू ओगा
जे
झी-की ने रेडेगा
ताजा ताजा सौटं न टपकं
एणा-जागता उपर
जे कुण-कुण वर थकी
मारे —
मय ला खुरीया में बरी रई है।