धड़.!
धड़ड़.!!
धड़ाम.!!!
अेक लारै अेक
पड़ाल में
छूटता गोळा।
बै-
कस‘र पांवचा
भागता साम्हीं
चुगता स्क्रेप
कम कोनी
पूरा जोद्धा है..!
बम रा
लाल बम्म!
उछळता
ताता टुकड़ा..
डरावै
पूछै सुवाल-
‘कितरी है पोटी..?‘
बै मुळकै
बोलै-
‘इतरी कै
मौत सूं
खोसल्यावां रोटी..!