जिका बादळ

भरिया हुवै तिरिया-मिरिया

बिना गाज्यां बाज्यां

कणे-कणे'ई आवै

बरसै जम'नै

हरियावै सूक्योड़ा रूंख

जिका हुवै—

अधजळ थोथा

गाजै-बाजै

जोर जोर सूं

दिखाता-भरमाता

आंवता रैवै नितुगै

किणी नै न्हाल नीं करै

पण चितराम सगळां नै

वां रा दाय आवै

जाजमां में वै सोभा पावै

कोई कांई करै

वगत वगतबायरौ है

पाणीआळा पाणी भरै

मरियोड़ो जिण आंख्यां रो पाणी

राज करै।

स्रोत
  • सिरजक : नवनीत पाण्डे ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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