घर पूगण री

आस लियां

सड़कां पर रूळता

मजूरां रै पगां सूं

झरतो लोही

निकाळै टीको

धरती माता रै माथै

अर करै धनबाद-

जे थूं ईं ना मेलण

देवंती पग आपरै ऊपर

तो म्है कठै जांवता।

म्हानै किणीं मिनखां मांय

नीं गिण्यो गयो

म्हे चाकर हां मजूर हां

पण मिनख नीं हां

मिनख तो बे है

जिका डाॅलर कमावण सारू

बिसरा दियो आपरो देस

जिका नैं बचावण सारू

उडै हवाई झाज

मिशन वंदेमातरम् रै तहत

कुण करै वंदना

भारत भौम री

सै जाणै

पण जबान खोलण रो

हुकम नीं है किणीं नै

म्हानै हुकम हुयो है

आतमनिरभर होवण रो

म्हैं पुगालां म्हारै गांव

पैदल इज

पण कदै नीं भूलां

थारो

वंदे मातरम् मिसन।

स्रोत
  • सिरजक : लालचन्द मानव ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोडी़