छोरी नै सुहवै

एकलपो

आंख्यां मांय रैवै

उडीक

होठां ओढ राख्यो है

मून

अर आंख्यां करै

अबोली बंतळ

अणमणी-सी

बुहारबो करै

बाखळ

छोरी आपरै

घर मांय रैवै

अणसँधी-अणसैंधी!

स्रोत
  • पोथी : कथेसर ,
  • सिरजक : थानेश्वर शर्मा
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