छोरी नै सुहवै
एकलपो
आंख्यां मांय रैवै
उडीक
होठां ओढ राख्यो है
मून
अर आंख्यां करै
अबोली बंतळ
अणमणी-सी
बुहारबो करै
बाखळ
छोरी आपरै
घर मांय रैवै
अणसँधी-अणसैंधी!