खींपड़ो
मरुधर री मठोठ
धोरां रो रूखाळो
गरीब रो ओटो
मोटा-मोटा काम
पण नाम साव ओछो
अर छोटो
जींवतो देवै
साग सारू खिपोंळियां
किरकांटियां अर
कैक जीवां नै आसरौ
सींव में ऊभा होय
मिटावै भायां री राड़
बाड़ में ई रूप ज्यावै अर
राखै अखी मरजादा री रेख
बाढ्यां छावै आसरो
झूंपड़ा अर छान
बाखळ बुहारण नै
बणै बगूंरियोट
बेकळू में फसज्या मोटर
तो बाढ’र देयलो
रेत रै हेठै चकोरी में
चाल पड़ै गाड़ी
चालै जियां सड़क पर
इणरी तुगियां नै गूंथ’र
बणै डोरियो
आवै काम बांधण नैं
छप्पर अर बाड़ां
दावणां ई दिरीज ज्यावै
ढोरां रै
गळर बणै खाद
उपज बधावै खेत री
सुख्यां आवै काम
चूल्हो सजळ करण सारू
होय नैं आगीवाण
झालै बासदी री पैली झपट
अर चेतन करै चूल्हो
ओ अलबैलो रूंख
है इतरो गुणवान
मरूधरा रो अभिमान
कीकर हुय सकै
इणरो नाम खींपड़ो
म्हैं तो इणनैं कैऊं
खींपजी।