देख

देख

अर विचार

उतरादै मोटूड़ो

गेहरो अम्बर खेजड़ो

पण

इण रे अन्तस में छिप्या

थारी जोध जवान उमर रा

उफाण लियोड़ा

अगन उगलता

विचार अर भाव

जिण नै

थूं जवानी रो

देवे नांव,

हरमेस खेजड़ो छाया देवतौ

लाड कोड अर हरख उमाव रे सागै

बण जावतो खुद छिंयाड़ियौ

आंधी तूफान अर तावड़ौ झेलतो

पंखियां री शरणगाह

मोटूड़ो उतरादी बो खेजड़ो।

आज भी अजे तांई

इण री गहरी छांह में है छिप्योड़ा

थारी उडीक रा मुंहगे मोल रा

अमोलक चिरमी गीत रा बोल

जिका जिनगाणी रा सोन आखर

इण छण तांई

चमक बिखेरता

अर चानणो लिया

हिये रे हेत सूं...

अमोलक उडीक आखर

जिणनै उण टेम थूं बोलतो

घणे मुळकते मोल।

पण मोट्यारपणे री मुहंगी रमत

पाण कद आवेली

पीतवरण लिया

कोमळ कोमळ

जुड़्योड़ी पानड़ां री

माळा घाल्योड़ी

नवी नवेली कूंपळ

मकड़ी रे जाळ सूं

बच’र

कद घालैला

दोन्यूं हाथां

विचार विचारूं

जद तांई

हुलास रे साथै

हिलोर लेवती

अन्तस री अमोळक

बरफानी बाथां।

स्रोत
  • पोथी : जागती जोत ,
  • सिरजक : तोगाराम गोदारा ,
  • संपादक : भगवतीलाल व्यास
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