अजी हुदी

केम हुई रया हो ?

केम ने जागी रया हो?

तमे

तमारा घर मय

पराया वजु

केम लागी रया हो ?

अग्रेज ग्या

अने

ग्या एनना धडाका।

पण आज हुदी

केम सुटी रया हैं भडाका

भूलो

अवे तो भूलो

एमं मोमतियं नु राज

सडक माते

कुटातं फरें

मोटं-मोटं ताजं

पाणी भरयं वादरं

वजु वरौ।

पाय होते भी

केम मांगी रया हो?

कयंक मेनत एवी करो के

उगी आवै

अमतं आड़कं

केम भागी रया हो

कुलकी मएं

गोर भाग्ये हुं हामु वरै

कोयक कयंक करे

तो

मनक खारे बरै।

याद करौ भगतसिंग

ने एवा हन्नाटामय ?

ने तो

आवती काल

पूसेगा

केम रया घाटा मएं?

आजे

उल्टी गंगा

वई रई है।

मालिक थई

नोकर पाय मांगी रया हो

आपडा

घोर ना दीवा थकी

आपडु घोर

बारी रया हौ।

जाणते वेणते

कैम तैयार करौ

दुक ना खाड़ा!

तमै साफ सूटा

केम मैल्या

अम्मरिया पाडा?

रोओ

हाते करी नै रोओ

कोय हूँ करै ?

झापा हुदी

हाते आवै

कोय

भेगु थोडु वरै ?

पण्डे करो तो

कइक करी सको

बीजं हामा

कैम ताकी ऱ्या हौ

देश ने

आपडा

पोगं मातै उबु थावा दो

अमता अमता

कैम डाकी रया हो?

स्रोत
  • पोथी : वागड़ अंचल री ,
  • सिरजक : मधुकर बनकोड़ा ,
  • संपादक : ज्योतिपुंज ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ,
  • संस्करण : Prtham
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