बगत साथै नीं

बगत सूं आगै बध

बगत रै पगां मत पड़

बगत सूं लड़।

ठाह है

तेज है बगत री रफ्तार

थूं उठा पग खाथा-खाथा

लांबा-लांबा भर डग

समझ बगत री रग

ताकतवर है बगत

कमजोर थूं कोनी

अड़ अर बगत सूं

साम्हीं छाती लड़।

स्रोत
  • पोथी : मंडाण ,
  • सिरजक : मनोज पुरोहित 'अनंत' ,
  • संपादक : नीरज दइया ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ,
  • संस्करण : Prtham
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