धिरकार छै ईं कठफोड़वा जूण नै

ऊमर सारी

ठक-ठक करतां नं बीत जावै

पण तोल नं पड़ै

आवाज ठूंठ में सूं री छै

चूंच मं सूं।

स्रोत
  • पोथी : जातरा अर पड़ाव ,
  • सिरजक : अम्बिका दत्त ,
  • संपादक : नंद भारद्वाज ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादेमी ,
  • संस्करण : प्रथम